गुरुवार, २१ सप्टेंबर, २०२३

२२ सप्टेंबर

*💥🌼विज्ञान दिनविशेष🌼💥*

          *मायकेल फॅरेडे*

            *Electric boy*

*जन्मदिन - २२ सप्टेंबर १७९१*

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मायकेल फॅरेडे (Michael Faraday) हा इंग्लिश भौतिकशास्त्रज्ञ आणि रसायनशास्त्रज्ञ होता. त्याने विद्युतचुंबकत्व आणि विद्युत रसायनशास्त्र या विज्ञानाच्या शाखांमध्ये महत्त्वपूर्ण संशोधन केले. मायकेल फॅरेडे यांचा जन्म २२ सप्टेंबर १७९१ रोजी न्यूइंग्टन बट्स, सरे, इंग्लंड येथे झाला. घरच्या गरीब परिस्थितीमुळे फॅरेडे फक्त जुजबी शिक्षण घेऊ शकला व वयाच्या १४व्या वर्षी त्याला एका पुस्तकाच्या दुकानात नोकरी पत्करावी लागली. या नोकरीच्या काळात त्याने दुकानात जुळवण्यासाठी आलेली पुस्तके भरपूर वाचून काढली. तो electric boy म्हणून ओळखला जातो. माइकेल फैराडे, अंग्रेज भौतिक विज्ञानी एवं रसायनज्ञ थे। उन्होने विद्युत-धारा के चुम्बकीय प्रभाव का आविष्कार किया। उसने विद्युतचुम्बकीय प्रेरण का अध्ययन करके उसको नियमबद्ध किया। इससे डायनेमों तथा विद्युत मोटर का निर्माण हुआ। बाद में गाउस (Gauss) के विद्युतचुम्बकत्व के चार समीकरणों में फैराडे का यह नियम भी सम्मिलित हुआ। फैराडे ने विद्युत रसायन पर भी बहुत काम किया और इससे सम्बन्धित अपने दो नियम दिये।

माइकल फैराडे का जन्म 22 सितंबर 1791 हुआ। इनके पिता बहुत गरीब थे और लुहारी का कार्य करते थे। इन्होंने अपना जीवन लंदन में जिल्दसाज की नौकरी से प्रारंभ किया। समय मिलने पर रसायन एव विद्युत् भौतिकी पर पुस्तकें पढ़ते रहते थे। 1813 मे प्रसिद्ध रसायनज्ञ, सर हंफ्री डेबी, के व्याख्यान सुनने का इन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ। इन व्याख्यानों पर फैराडे ने टिप्पणियाँ लिखीं और डेबी के पास भेजीं। सर हंफ्री डेबी इन टिप्पणियों से बड़े प्रभावित हुए और अपनी अनुसंधानशाला में इन्हें अपना सहयोगी बना लिया। फैराडे ने लगन के साथ कार्य किया और निरंतर प्रगति कर सन् 1833 में रॉयल इंस्टिट्यूट में रसायन के प्राध्यापक हो गए। अपने जीवनकाल में फैराडे ने अनेक खोजें कीं। सन् 1831 में विद्युच्चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत की महत्वपूर्ण खोज की। चुंबकीय क्षेत्र में एक चालक को घुमाकर विद्युत्-वाहक-बल उत्पन्न किया। इस सिद्धांत पर भविष्य में जनित्र (generator) बना तथा आधुनिक विद्युत् इंजीनियरी की नींव पड़ी। इन्होंने विद्युद्विश्लेषण पर महत्वपूर्ण कार्य किए तथा विद्युद्विश्लेषण के नियमों की स्थापना की, जो फैराडे के नियम कहलाते हैं। विद्युद्विश्लेषण में जिन तकनीकी शब्दों का उपयोग किया जाता है, उनका नामकरण भी फैराडे ने ही किया।

क्लोरीन गैस का द्रवीकरण करने में भी ये सफल हुए। परावैद्युतांक, प्राणिविद्युत्, चुंबकीय क्षेत्र में रेखा ध्रुवित प्रकाश का घुमाव, आदि विषयों में भी फैराडे ने योगदान किया। आपने अनेक पुस्तकें लिखीं, जिनमें सबसे उपयोगी पुस्तक "विद्युत् में प्रायोगिक गवेषणाएँ" (Experimental Researches in Electricity) है। फैराडे जीवन भर अपने कार्य में रत रहे। ये इतने नम्र थे कि इन्होंने कोई पदवी या उपाधि स्वीकार न की। रायल सोसायटी के अध्यक्ष पद को भी अस्वीकृत कर दिया। धुन एवं लगन से कार्य कर, महान् वैज्ञानिक सफलता प्राप्त करने का इससे अच्छा उदाहरण वैज्ञानिक इतिहास में न मिलेगा। हर फ्री डेवी भी फैराडे को अपनी सबसे बड़ी खोज मानते थे।
माइकल फैराडे की मृत्यु 25 अगस्त 1867 को हुई।